रोड़ आतंकवाद
अज हमारे देश में लखो वाहन चलते हैं ।
लेकिन फिर भी हमारे सड़कों की खस्ता हालत और बड़े बड़े खंडों के चलते हर साल लाखों एक्शीडन होते हैं ,ओर हजारों लोगों मारें जातें हैं, ट्राफीक नीतियों में खामी ओर भ्रष्टाचार के चलते सड़कों पर बेफाम वाहन चलते हैं कुछ लोग तो सराब पीकर गाड़ी चलाने है
हमारे देश में जीतने लोग आतंकी हुमलो में नहीं मरते उसस कई ज्यादा सड़क दुघर्टना में मरते हैं, सरकारी आंकड़ो अनुसार क1214 सड़क दुर्घटनाएं होती है उसमें से हर घंटे 16 ओर हर दिन 377 लोग मरते है,पुरे एक जमबो जेट विमान जीतने हररोज हमारी सटको पर दम तोडते है, कुल दुर्घटनाओं में कुल 25% दुर्घटनाओं के लिए टू-व्हीलर वाहन होते हैं, उसमे से देश में सड़क दुर्घटना के कारण हर साल 14 साल से कम उम्र के 20 बच्चे मरते हैं। सबसे ज्यादा इन 10 सेहरों में एक्सीडेंट होते हैं ।(रैंक-वाईज़):
दिल्ली (शहर)
चेन्नई
जयपुर
बेंगलुरु
मुंबई
कानपुर
लखनऊ
आगरा
हैदराबाद
पुणे
दिल्ली (शहर)
चेन्नई
जयपुर
बेंगलुरु
मुंबई
कानपुर
लखनऊ
आगरा
हैदराबाद
पुणे
अगर कोई आतंकी हुमला हो जाता है तो पुरा देश सोक मनाता है। लेकिन एक्सीडेंट में मरने वालों को कोई नहीं पुछता बस पेपर में पढ़ कर पन्ने पलट देते हैं। सरकार भी इस पर ध्यान नहीं देती. अगर कोई एरोप्लेन क्रैश हो जाता है तो पूरा देश पूरी देश की मीडिया और नेता इस पर शोक व्यक्त करने लग जाते हैं उनकी इस में मीडिया कवरेज ज्यादा मिलता है. अब वक्त आ गया की लोग जनजागृति हो बच्चों को स्कूल से ही ट्रैफिक नियमों का पालन करना और उसका सम्मान करना सिखाया जाए, हम लोगों को भी समझना चाहिए कि ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए ताकि अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की जा सके थैंक यू………….
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