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CHiP Kya Hai in hindi

CHiP the Robot Dog चीप रोबो डॉग Price,8995₹ 38.1 x 22 x 30 सेमी; 907 ग्राम आज हर बच्चा मोबाइल में गेम खेलने और TV देखने के अलावा कुछ करता ही नही इसी में ही लगे रहते हैं ऐसे समय में हमें ऐसे खिलौने उससे देना चाहिए जिससे वह खेल सके आज  हम बात कर रहे हैं चीप रोबोट डॉग के बारे में जो एक खिलौना है जो 5 से 12 साल के बच्चों के लिए बनाया गया एक स्मार्ट रोबोट है, वाईफाई से चल सकता है या फिर हम उसके रिमोट कंट्रोल से भी कंट्रोल कर सकते हैं, चीप रोबोट के साथ हमें मिलता है‌‍‌ ब्लूटूथ से चलने वाली गेद मिलती है, उसके साथ वायरलेस चार्जर दिया जाता है ,जो रोबोट अपने आप ही अपने आप को चार्ज कर सकता है, वो वॉइस कमांड से भी चल सकता है, हम उसे जैसे चाहे वैसे कमान ले सकते हैं, किसके साथ हमें वोच  दी जाती है जिससे हम दाएं-बाय दबाकर  कंट्रोल कर सकते हैं बच्चों से जो नॉर्मल डोग नहीं कर सकते वह सबको वो कर सकता है, हमारे बच्चों के साथ खेलने वाला बढ़िया टॉय है, चीप नाक पर सेंसर है जिससे दबाते ही वो हमारे गोल गोल घूमने लगता है और हमें सुघने लगता हैं,या फिर वो गुस्सा हो जाता है लेकिन उसक...
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Cozmo kya hai

cozmo Price 20,000 आज हम जीस ट्रैक्टडोय के बारे में बात कर रहे हैं, जिसे बनाया है डॉ कॉरिना लैथन डेवलप cozmo सिस्टम को 1999 मै डेवलप किया है,जो बच्चों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, आज हर दिन जो आविष्कार हो रहे हैं कि हम बता नहीं सकते हर दिन नई टेक्नोलॉजी आ रही है पहले हम रोबोट साइंटिफिक फिल्मो में ही हम देख पाते थे लेकिन अब हम खरीद भी सकते हैं, में बात कर रहा हूं Cosmobot यानि कि Cozmo एक Tech toys है जो 9 डिग्री तक घूम सकता है और 16 इंच ऊंची उसकी बॉडी वाला खूबसूरत रोबोट है,सॉफ्टवेयर में एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (जीयूआई) शामिल है जो मेडिकल, एजुकेशन ओर  5 से 12 साल के बच्चों के लिए बनाया गया एक robo toy हैं। दिव्यांग बच्चों के लिए और जो सीखने में कमजोर है ऐसे बच्चों के लिए बहुत कम आसकता है जो बच्चे दूसरों से घुल मिल नहीं पाते यह रोबोट उसे आसानी से घुल मिल जाता है इस रोबोट ऐसे डिजाइन किया गया है कि वो  हमारी बात सुन सके और समझ सके इसमें ऐसे सॉफ्टवेयर है जो हमारे चेहरा और हाव भाव को पहचान सकते है, इसे हम cozmo  नाम के ऐप से भी आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं, ज...

PGDMLT course Gujarat in Hindi

                                  PGDMLT कोर्स की अवधि/ 1 Year & 6 months Salary  = 10,000 / 40,000     उस का फुल नेम Post Graduate Diploma In Medical Laboratory Technology(PGDMLT) हैं। वो एक सर्टिफिकेट कोर्स है जो B.Sc. / M.Sc या  केमिस्ट्री डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग   ग्रेजुएशन के डिग्री वाले लोग कर सकते हैं सकता है। यह  एक से डेढ़ साल का कोर्स होता है उसके बाद किसी प्राइवेट लैब या हॉस्पिटल में एक्सपीरियंस लेकर सरकारी जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं या किसी भी लैब  न हॉस्पिटल में जॉब मिल सकती है या अपनी खुद की प्राइवेट लैब खोल सकते हैं। जब  मिलने के बाद आपको10,000 तक की सैलरी या कुछ समय बाद हमें 30,000 से 40,000 तक की सैलरी मिल सकती है । या अपनी खुद की लैब खोलकर बिजनेस शुरू कर सकते हैं । गुजरात की कुछ कॉलेज का नाम   BN Patel Institute of Paramedical and Science C.P. Patel Commerce College Campus, N.S. ...

Republic Day 69वां गणतंत्र दिवस 2018

                Republic Day 69वां गणतंत्र दिवस गणतंत्र दिवस यानि की रिपब्लिक डे इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और पुरे देश में इसे लागू किया गया था हमारे देश का संविधान 26 नवंबर 1949 को बन कर लागू उसके बाद 26 जनवरी 1950 में इसे पुरे राष्ट्र में लागू कर दिया गया | जिसके लिए पुरे देश में हर साल २६ जनुअरी के दिन ही गणतंत्र दिवस मनाया जाता है l 69 साल हो गए‌ हैं लेकिन आज भी हम गरीबी अशिक्षा बेरोजगारी भ्रष्टाचार से मुक्त हो नहीं पाये है। आज भी हमारे देश में दहेज के लिए जान लेते हैं। आज भी लड़कियों को पटाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है। आज भी जाती वाद ऊंच-नीच की भावना लोग रखतें हैं। आज भी हम दुसरी जाती या धर्म में सादी करना वर्जित माना जाता है। आज भी जाती ओर धर्म के नाम पर नफरत फैलाते हैं। अगर हमें गांधी ओर सरदार के सपनों का देश बनाना चाहते हैं तो सभी दुसन हटाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा तभी हम अपने देश को महान बना सकते हैं। हमें लड़कियों को पडाने के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहिए और लड़कियों के लिए हर स्कुलो और कोलेजो में मुफ्त ‌शिक्षा होनी...

रोड़ आतंकवाद

                                 रोड़ आतंकवाद अज हमारे देश में लखो वाहन चलते हैं । लेकिन फिर भी हमारे सड़कों की खस्ता हालत और बड़े बड़े खंडों के चलते हर साल लाखों  एक्शीडन होते हैं  ,ओर हजारों लोगों मारें जातें हैं, ट्राफीक नीतियों में खामी ओर भ्रष्टाचार के चलते सड़कों पर बेफाम वाहन चलते हैं कुछ लोग तो सराब पीकर गाड़ी चलाने है हमारे देश में जीतने लोग आतंकी हुमलो में नहीं मरते उसस कई ज्यादा  सड़क दुघर्टना में मरते हैं, सरकारी आंकड़ो अनुसार क1214 सड़क दुर्घटनाएं होती है उसमें से हर घंटे 16 ओर हर दिन 377 लोग मरते है,पुरे एक जमबो जेट विमान जीतने हररोज हमारी सटको पर दम तोडते है, कुल दुर्घटनाओं में कुल 25% दुर्घटनाओं के लिए टू-व्हीलर वाहन होते हैं, उसमे से देश में सड़क दुर्घटना के कारण हर साल 14 साल से कम उम्र के 20 बच्चे मरते हैं। सबसे ज्यादा इन 10 सेहरों में एक्सीडेंट होते हैं ।(रैंक-वाईज़): दिल्ली (शहर) चेन्नई जयपुर बेंगलुरु मुंबई कानपुर लखनऊ आग...

स्टीफन हॉकिंग

बर्नस्टेफिन विलियम हॉकिंग 8 जनवरी 1 9 42 (76 वर्ष) ऑक्सफ़ोर्ड, इंग्लैंड, युनाइटेड किंगडम रेसिडेंस संयुक्त राज्य की राष्ट्रव्यापी भाषाब्रिटिश शिक्षा एल्बंस स्कूल, हर्टफोर्डशायरअल्मा मेटर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (बीए) कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (पीएचडी) के लिए जाना जाता है। हॉकिंग, रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट्स (एफआरएसए) के एक मानद साथी हैं, जो पोंफिफ़िकल एकेडमी ऑफ साइंसेज के आजीवन सदस्य हैं और यूएस में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार के राष्ट्रपति पदक विजेता हैं। 2002 में, 100 महानतम ब्रिटानों के बीबीसी के सर्वेक्षण में हॉकिंग को 25 वां स्थान दिया गया था। वह 1 9 7 9 से 200 9 के बीच कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के मैथमेटिक्स के लुकासियन प्रोफेसर थे और उन्होंने लोकप्रिय साइंस के काम में व्यावसायिक सफलता हासिल की जिसमें उन्होंने सामान्य तौर पर अपने सिद्धांत और कॉस्मोलॉजी पर चर्चा की; उनकी पुस्तक ए संक्षिप्त इतिहास का समय ब्रिटिश सवेर्डे टाइम्स-बेस्ट-विक्रेता सूची में 237 सप्ताह के रिकार्ड तोड़ने के लिए दिखाई दिया। 1 9 63 में, हॉकिंग ने मोटर न्यूरॉन रोग को अनुबंधित किया और उसे जीने के लिए दो साल का ...

हमें कौन चाहिए गुरु या बाबा

हमें कौन चाहिए गुरु या बाबा जिस देश में गुरू को भगवान का दर्जा दिया गया है वहां ही आज पाखंडी बाबाओं की सेल लगी है, आज जब भी हम न्युज चैनल ओन करते हैं तो नये नये बाबा ओ का कृत्य सूनने को मिलते हैं ऐसे बाबा ओ की वजह से ही अज हमारा धर्म बदनाम होता है, ऐसे बाबाओं ने धर्म को धंधा बना दिया है,मुजेतो ऐही समज नहीं आता कि ऐसे बाबा के पास जाने की ज़रूरत ही क्या है,जब हमारे पास गीता, महाभारत,वैद,पुरान जैसे महान साहित्य ओर कथाऐ मजुद है, क्या बड़े बड़े आश्रम बना देने से ओर ढ़ेर सारे अनूआई ओर चम्मचे होने से कोई गुरू नही बनत गुरू वो होता है जो सही रास्ता दिखाएं  जो हमारे सही रास्ता दिखाएं वो नही जो हमारी अज्ञानता दुर करने में मदद करे हमारे न अवगूनौ को सद्गुणों में बदले लेकिन आज कल के गुरू तो अपने अनुयायियों की संख्या बढ़ाने के लिए ही आश्रम चलाते हैं वो आश्रम के नाम पर अंधश्रद्धा की पाठशाला चलाते हैं वो तो जेसे चोर,डाकु  डरा धमकाकर पैसे लुटते है वैसे ही हमे भगवान का डर दिखा कर दान के नाम पर अपनी तीजोरी भरते हैं, ओर एक तरफ तो वो कहते है की मोह माया का त्याग कीजिए और दुसरी तरफ वो ही हम...